Sunday, June 16, 2013

मेरे पिता

"मेरे  पिता  ने  मुझे  सबसे  महान  तोहफा  दिया  जो  कोई  किसी  को  दे  सकता  है , उन्होंने  मुझपर  विश्वास  किया ." -जिम  वैल्वैनो

ये तोहफा देखने में जितना आसान लगता है , उतनी आसानी से मिलता नहीं। किसी भी बच्चे की ताकत अपने पिता के विश्वास में ही अन्तर्निहित होती है। 

मैं इस मामले में खुद को बेहद सौभाग्यशाली मानती हूँ, क्योंकि मुझे ऐसे पिता मिले जिन्होंने मेरी राहों को हमेशा आसान बनाया। राहों को आसान बनाने का मतलब, उन्होने मुझे एक बेहतर इंसान बनाने के लिए हर तत्पर प्रयास किये। मुझे अपने फैसले लेने की आज़ादी दी, और मेरे फैसलों में मेरा साथ बखूबी निभाया। 

मेरे पिता का सपना था, कि उनकी पहली संतान एक बेटी हो; और हुआ भी कुछ ऐसा ही। मैं अपने माता - पिता की पहली संतान, एक बेटी ही तो थी। पर मुझे इस बात का कभी भी एहसास नहीं कराया गया। मेरे लिए जीवन के हर तोहफे को मुझसे पहले पहुंचाया गया। मेरे पिता के लिए बेटी का अर्थ दुनिया से बिलकुल अलग रहा। उन्होने अपनी तीन बेटियों और एक बेटे में कभी कोई भेद ही नहीं किया। लोग कुछ भी कहते रहे, पर मेरे पिता अपनी ही बनायी राह पर चलते रहे। 

मैंने अक्सार देखा है, की लोग अपने बच्चों को अपनी राह चुनने की आज़ादी बामुश्किल देते हैं। पर मैने अपने पिता को ऐसा करते कभी नहीं देखा। उन्होने अपने बच्चों को इस तरीके से तत्पर बनाया, ताकि वे जीवन के हर छोटे - बड़े निर्णय सजगता से ले सकें। मेरे पिता ने समाज में बेटियों के प्रति होने वाले हर रवैये का भ्रम तोड़ा है। 

आज मैं खुद को व्यक्त करने में सक्षम हुई हूँ तो अपने पिता की बदौलत। 

लोग साल में एक बार रिश्तों का त्यौहार मनाते हैं। कभी कोई दिवस तो कभी कुछ और। पर मैं समझती हूँ की रिश्तों का त्यौहार हमें सालों भर, जीवन भर मनाना चाहिए, तब जाकर हम उनके साथ न्याय कर सकते हैं। माता - पिता अपने बच्चों के लिए अपना जीवन लगा देते हैं, तो फिर उनका सम्मान भी जीवन भर होते रहना चाहिए। 

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